मशरिक से मग़रिब कोई तलबगार नहीं मिलता

मशरिक से मग़रिब कोई तलबगार नहीं मिलता.
कांच मिलते हैं जंगार नहीं मिलता.
कद की नुमाइश किस्से करूँ ऐय बख्त
मुफलिस शहर में कोई शहरयार नहीं मिलता ..-- © बख्त फ़क़ीरी "देश रत्न "

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मैं तुम्हें पाना नहीं अपनाना चाहता था।।