फुर्सते-ज़ीस्त में हर कोई बेवफा मिला - Desh Ratna

मेरी बावाफाई का मुझे ये सिला मिला,
फुर्सते-ज़ीस्त में हर कोई बेवफा मिला.

मेरे दर्देदिल को बीच रस्ते नीलाम कर,
बता ऐय मेरे दोस्त तुझे क्या नफा मिला?

रास्तों पे अंजुमन में और मस्जिदों में भी,
जाने हर सक्श क्यूँ मुझे खफ़ा मिला .

जाके कहदो वाईज़ से वो मनाएं अपनी ख़ैर,
मुझे तो मैकदे में झूमता हुआ ख़ुदा मिला.

अपने जनाज़े के लिए चार काँधे ढूंढता,
मुझे हर सक्श से मेरा ही पता मिला ..
(2001, Faraday House, Patna)

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