सच -- (c) बख्त फ़क़ीरी "देश रत्न"

1.
अखबारों में नहीं छपते किस्से हमारे।

मेरी कहानी के सब किरदार सच्चे हैं।।
2.
कारवां मीलों पीछे छुट जाते हैं।


सच का सफ़र बहुत तनहा होता है।

3.
शहंशाहों से तकरार होती है।
सच की तबियत खुद्दार होती है।।

- © बख्त फ़क़ीरी "देश रत्न"

The above shers are  dedicated to the Bravest of Brave The Great Martyr Subhash Chandra Bose.


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