मैं हिन्दू - तू मुस्लमान

मैं राम राम रटता रहा तू कुरान की आयतें
ना रास आया हमें इंसानियत का जज्बा
मस्जिदों में रहा खुदा हाफिज़ कब
पत्थरों में बसते भगवान् बता ?
जबतक मैं हिन्दू - तू मुस्लमान
इस रहगुज़र से कोई इंसान ना गुजरने पायेगा
बल्वों की धधकती आग से पूछो
शमशान में जलती लाशों का पता ??
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