हूंकार - देश रत्न (Desh Ratna
__हूंकार
पुनः यज्ञ का आह्वान करो,
समव्येत स्वरों में गान करो,
रौद्र रूप का ध्यान करो,
जौहर करती माताओं के
जलते बदन का मान करो,
पाञ्चजन्य का हुंकार करो,
तुणीर का झंकार करो,
माता की कोख पे प्रश्न चिन्ह उठा है
वीर पुत्रों बलिदान करो!
पुरुषार्थ बांशुरी में छीण हो गया
वज्र उर्वशी में लीन हो गया
मधुघट के ऐ मधुमारों
देखो राष्ट्र ध्वज है हीन हुआ
अरे छोड़ों बापू की बात पुरानी
याद करो भगत जवानी
वो शिवाजी अमर बलिदानी
सुभाष आज़ाद की अमर कहानी
माता की छाती से लगकर
तुमने बचपन खेला है
बहुत ज्यादा ख़ुशी
हाँ कुछ ग़म भी तुमने झेला है
अरे सिंहों अपना तेवर बदलो
तेवर बदलो जेवर बदलो
बदल डालो सब हाहाकारों से
रणचंडी के धुआंधारों से
तनमन अपना दान करो
प्रलय का ऐसा घमासान करो
दनुज दैत्य चीत्कार उठें
राष्ट्र संख फिर हुँकार उठे
पाषाणों में छिपी है आग
स्वप्नों से तो अब तू जाग
सिसक-सिसक कर रोती माता
छेड़ कोई हाहाकारी राग.
तेरे निंद्रा से मान घटा है
माता का स्वाभिमान घटा है,
कबसे कंचनी-कुमुदनी में खोया
आज माता का वस्त्रमान हटा है.
मुकुट शीश से उठा ले गए दनुज
देखता रह गया तू नपुंशक मनुज
थू-थू करता हूँ तुझपे थू-थू
अब तेरा क्या काम बचा है?
मात्री-ऋण में जला अस्थियाँ आज
तूफानों से तू लड़ा कश्तियाँ आज
अब तो बात से काम ना होगा
जला दे उनकी सारी बस्तियां आज
उस जलती की ज्योति में माता का श्रींगार करूंगा
तब कहीं जाकर मैं इस विजय संख का हूंकार करूंगा...
(Written during Kargil War- Desh Ratna)
Comments
Har Shabad Khoon Ko Uske Rang Ki Yaad Dilata Hai -----
Mere Rang de Basant Chola-------
Bandematram.
Aab waquat Hai Corrupt Politician Ko Sadka per Lamba Daal Kar Dand-Kuru.
Santbetra
Har Shabad Khoon Ko Uske Rang Ki Yaad Dilata Hai -----
Mere Rang de Basant Chola-------
Bandematram.
Aab waquat Hai Corrupt Politician Ko Sadka per Lamba Daal Kar Dand-Kuru.
Santbetra