वैचारिक मंथन - Desh Ratna


-





पुरानी मान्यताएं समाप्त हो रही हैं. पर नए मूल्यों का निर्माण करने में हम अभी भी असफल रहे हैं.
परिणाम ये हुआ है कि एक वर्ग संघर्ष देखने को मिलता है..
एक परीखा एक खाई एक दीवार सी बन गयी है इंसान और इंसान के दरमयान..
कहीं आंग्ल भाषा अव्वल और आधुनिक होने का पैमाना बन गाया है तो कहीं कीमती कपड़ों ने विचारों के लिबास को कौड़ी के मोल का भी नहीं छोड़ा है..
बानर से आदमी एक वीराम !
योगेश्वर से सारथी एक वीराम !
महामानव कब तैयार होगा ??

Comments

Popular posts from this blog

शहर में सब होता है बस वक़्त नहीं होता.

I AM A LOVER - Desh Ratna

Desh Ratna with Miss Universe Stefania @ her initiation with Vihangam Yoga